फज्र की नमाज़ का तरीका

फज्र की नमाज़ का तरीका

नीयत करते हुए

1. नीयत

नमाज़ की नीयत करें: "मैं फज्र की दो रकात सुन्नत नमाज़ पढ़ने की नीयत करता/करती हूँ।"

तकबीर-ए-तहरीमा

2. तकबीर-ए-तहरीमा

हाथ कानों तक उठाएं और "अल्लाहु अकबर" कहें।

सना पढ़ना

3. सना, सूरह फातिहा और एक सूरह पढ़ंें

"“सुबहाना कल्ला हुम्मा” पढ़े सना: सुबहाना कल्ला हुम्मा वाबैहमदेका वा ताबारा कसमोका वा तआला जददो का वा लाईलाह गैरूका अब “आऊजु बिल्लाहि मिनश शेतानिर्रजीम” “बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम” पढ़े फिर अलहमदु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन” पढ़े अलहमदु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन, अर्रहमानिर्रहीम मालिकी यवमिद्दीन इय्याका नअबुदू वइय्याका नसताइन,इहदि नस्सिरातल मुस्तकीम, सिरातल लजीना अन अमता अलेयहिम गयरिल मगदुबि अलयहिम वलदद्वाल्लीन ।(आमीन) अब बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम कहकर “कुल या अय्यूहल काफिरुन की सूरह” पढ़े कुल याअय्युहल काफिरुना लाआबुदूमातअबुदून वला अन्तुम आबिदुना माआबुद, वला आना आबिदुम मा आबत्तुम वला अन्तुम आबिदुना मा आबुद लकूम दीनुकूम वलियदिनें।

सूरह फातिहा पढ़ना

4. रुकूह में जाए़ें

अब “अल्लाहु अक्बर” कहकर रुकूह में जाए और रुकूह में 3 मर्तबा “सुब्हाना रब्बीयल अजिम” कहे एं।

रुकू करना

5. अब रुकू से उठेंू

अब“समिअल्लाहु लिमन हमिदह” या “रब्बाना लक्लहम्द” कहकर खड़े हो जाएं।

सजदा करना

6. सज्दे में

अब अल्लाहु अक्बर…..कहकर सज्दे में जाए और सज्दे में “सुब्हाना रब्बीयल आला” तीन मर्तबा कहे ें।

कायदा में बैठना

7. कायदा में बैठना

बैठ जाये दुबारा अल्लाहु अक्बर कहकर सजदे में जायेु..."

दरूद-ए-इब्राहीम पढ़ना

8. दरूद-ए-इब्राहीम

"अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिं व अला आलि मुहम्मद..." पढ़ें।

दुआ-ए-मसूरा पढ़ना

9. दुआ-ए-मसूरा

"रब्बिज़्ज़ाल्नी मुकीमस्सलाति व मिन ज़ुर्रियती..." पढ़ें।

सलाम फेरना

10. सलाम फेरना

दोनों तरफ "अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह" कहें।

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